रायपुर। 22 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 5 अगस्त को शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था. तब उसकी स्पीड कम की गई थी, ताकि यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके. स्पीड कम करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1,835 सेकेंड यानी करीब आधे घंटे के लिए फायर किए. ये फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू की गई थी.
भारत का मिशन मून चंद्रयान-3 चांद के बेहद करीब पहुंच चुकी है. चंद्रयान-3 चांद से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है. इस बीच आज प्रोप्लशन मॉड्यूल से लैंडर अलग हो गया है. साथ ही लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसरो ने कुछ देर पहले इसका औपचारिक ऐलान किया. अब चांद पर भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग बस कुछ ही दिन दूर है.
इसरो ने ट्वीट कर बताया था कि चंद्रमा की 153 किलोमीटरx163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका पहले से अनुमान लगाया गया था. इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है. चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद इसने 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया और चांद के नजदीक पहुंचता गया. अगर 23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करता है तो ये भारत की बड़ी कामयाबी होगी.